कोरबा/प्रथम आवाज न्यूज: कोरबा के कटघोरा वनमंडल के राहा बीट में तेंदुए का शिकार किए जाने के मामले में वन अमले की टीम ने तीन ग्रामीणों को गिरफ्तार किया है। ग्रामीण की बछड़े को तेंदुए ने मार गिराया था जिससे आक्रोश में आकर बछड़े में जहर मिला दिया गया था जिसे पुनः खाने से तेंदुए की मौत हो गई थी और उसके अंगों को काटकर ले गए थे। इस मामले में तीनों ग्रामीणों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को न्यायालय में प्रस्तुत करने की कार्रवाई की जा रही है।
कटघोरा वन विभाग की टीम ने तेंदुए के शिकार के मामले में तीन लोगों को भले ही गिरफ्तार कर लिया है लेकिन देर रात तक इस मामले में तेंदुए के प्रमुख अंगों को वन हमले की टीम बरामद नहीं कर पाई है। कटघोरा वनमंडलाधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि वन विभाग की टीम अभी मामले की जांच में जुटी हुई है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही तेंदुए के अंगों को भी बरामद कर लिया जाएगा। कटघोरा वनमंडल के चौतमा रेंज के राहा बीट के अंतर्गत आने वाले कक्ष क्रमांक 25 में बुधवार की सुबह लगभग 11 बजे एक तेंदुए को मृत अवस्था में ग्रामीणों ने देखा था। जहां तेंदुए की मौत की सूचना पर वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे थे जहां शिकारियों ने तेंदुआ का शिकार किया था और उसके महत्वपूर्ण अंगों को काटकर ले भागे थे।
मामला सामने आने के बाद आला अधिकारियों के निर्देश पर आरोपियों की धरपकड़ के लिए डॉग स्क्वाड की टीम को बुलाया गया था लेकिन रात होने की वजह से कार्यवाही नहीं हो पायी थी। गुरुवार की सुबह लगभग 5 बजे डॉग स्क्वाड की टीम मौके पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन चलाया गया जहां घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर एक बछड़ा मरा पाया गया। जिसे किसी वन्य प्राणी ने आधे से अधिक भाग खा लिया था। डॉग स्क्वाड की टीम आगे बढ़ते हुए घटनास्थल से लगभग 1 किलोमीटर दूर ग्राम भवरदा निवासी गोविंद के घर जा धमका और फिर क्या था वन अमले की टीम ने गोविंद सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके बछड़े को किसी वन्य जीव ने हमला कर मार दिया था जिसकी वजह से वह आक्रोशित था और उसने अपने मृत बछड़े में फोरेट मिला दिया और जब तेंदुआ पुनः बछड़े का मांस खाने पहुंचा तो मांस खाने के कुछ ही क्षणों बाद उसकी मौत हो गई जिसके बाद गोविंद सिंह व लाल सिंह और दर्रीपारा निवासी राम प्रसाद पिता इतवारी सिंह तेंदुए के अंग को काटकर ले भागे थे। इस मामले में वन विभाग ने तीनों आरोपियों को वन अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया है।