कटघोरा में प्रशासन की बड़ी कार्यवाही, 9 दुकानों को किया गया सील
कोरबा/प्रथम आवाज़ न्यूज: कोरबा जिले के कटघोरा के शहीद वीर नारायण सिंह चौक के निकट बनी 9 दुकानों को आज मंगलवार की सुबह शासन के आदेश पर सील कर दिया गया जबकि हाई कोर्ट ने इस मामले में स्थगन आदेश जारी किया है। कांग्रेस शासन काल में जनपद पंचायत कटघोरा के आधिपत्य की उक्त बेशकीमती जमीन को कई टुकड़ों में बांट कर तत्कालीन जनपद सीईओ के द्वारा लीज पर दे दिया गया था। लीज पर जिन्हें दिया गया वे कांग्रेस ही नहीं बीजेपी के भी राजनीति में दखल रखने और प्रभावशाली लोग हैं। उस समय मामला उछलने पर तत्कालीन कलेक्टर ने जांच कराई तो जनपद सीईओ डिप्टी कलेक्टर संजय मरकाम के द्वारा अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर जनपद की जमीन लीज पर देना पाया गया और एक सप्ताह के भीतर जांच करवाकर 18/11/2019 को कलेक्टर ने लीज को निरस्त कर दिया।
इसके बाद जिन्होंने लीज पर जमीन ली है, उन्होंने न्यायालय की राह पकड़ी और मामला कमिश्नर कोर्ट तक ले गए। कमिश्नर कोर्ट ने कलेक्टर के निरस्तीकरण आदेश दिनांक 18/11/2019 के विरुद्ध फैसला दिया और कलेक्टर के आदेश को सही नहीं ठहराते हुए निरस्ती के आदेश को अपने फैसले दिनांक 15/12/2022 में लीज लेने वालों के पक्ष में निर्णय दिया।
इसके बाद कलेक्टर ने स्वयं छःग शासन की ओर से पक्षकार होते हुए वर्ष 2024 में अपील/रिवीजन दायर किया। न्यायालय, सचिव छग शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में मामला पहुंचने पर व्यवसायियों द्वारा कलेक्टर की अपील को अनुचित करार देते हुए (लीज लेने वालों ने) हाईकोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से पक्ष रखा कि कमिश्नर, कलेक्टर के अधीन नहीं आते और कमिश्नर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीनस्थ नहीं हैं इसलिए दोनों ही सूरत में राहत प्रदान की जाय।
व्यापारियों के द्वारा प्रस्तुत अंतरिम राहत/स्थगन प्रदान करने के आवेदन पर 13 दिसंबर 2024 को न्यायाधीश एन के चंद्रवंशी के द्वारा सारी बातों का परीक्षण किया गया और सवाल- जवाब भी किए गए। इस दौरान उन्हें अवगत कराया गया कि न्यायालय सचिव, छःग शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसी भी तरह का आदेश पारित नहीं किया गया है। न्यायाधीश ने इसकी तस्दीक शासन के अधिवक्ता के माध्यम से करवाई जिन्होंने न्यायालय सचिव से बात करने के बाद न्यायाधीश को अवगत कराया कि मामले में सुनवाई और बहस हो चुकी है लेकिन कोई आर्डर नहीं दिया गया है। चूंकि उस वक्त तक न्यायालय सचिव, छःग शासन की तरफ से कोई आदेश नहीं हुआ था, इसकी जानकारी पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश के द्वारा व्यवसायी पक्ष के अधिवक्ता के आग्रह पर अंतत: राहत प्रदान करते हुए स्थगन आदेश जारी किया गया कि आगे की करवाई सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित रहेगी। दिए गए फैसले में सचिव पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के समक्ष लंबित राजस्व मामला संख्या 44/2024 की आगे की कार्यवाही सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित रखे जाने का आदेश न्यायाधीश एनके चंद्रवंशी द्वारा जारी किया गया,यदि अंतिम आदेश पारित नहीं हुआ है। इसके बाद संबंधित लोगों ने राहत महसूस की थी कि इस बीच आज मंगलवार को की गई कार्रवाई से हड़कंप मच गई है।
व्यापारियों ने कहा है कि यह सरासर उच्च न्यायालय की अवमानना है और सारा कुछ स्पष्ट होने व स्थगन के बाद भी सुनवाई की अगली तारीख से पहले इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ पुनः हाईकोर्ट जा रहे हैं। यह भी बताया कि इसी खसरा नम्बर की जमीन पर ही वर्ष 1998 में भी आठ दुकानें 30 वर्षों तक के लिए लीज पर दी गई थी जो आज भी संचालित हो रही हैं। कटघोरा तहसीलदार रोहित सिंह ने बताया कि न्यायालय सचिव छ.ग. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग महानदी भवन छ.ग. के प्रकरण कमांक न्यायालय सचिव पं.ग्रा.वि. /44/2024 पारित आदेश 13.12.24 के तहत जनपद पंचायत कटघोरा द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए त्रुटिपूर्ण प्रकिया के तहत आबंटित लीज को निरस्त किया गया है। चूंकि वर्तमान में लीज आबंटन निरस्त होने के कारण विधि विरूद्ध लीज पर निर्मित परिसम्पत्ति वैधानिक स्थिति शासन में निहित है। इसलिये उक्त परिसम्पत्ति पर सक्षम अधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय लिये जाने तक अवैध लीज पर निर्मित परिसम्पत्ति को आगामी आदेश तक सील किया जाता है।