कोरबा: कोरबा वनमंडल अंतर्गत पसरखेत रेंज के बगधरी डांड जंगल में दो दिन पहले जन्मे एक नवजात नर हाथी की मौत हो गई। वन विभाग के अनुसार शावक अत्यंत कमजोर हालत में पैदा हुआ था और जन्म के तुरंत बाद ही वह निमोनिया से ग्रसित हो गया था, जिसके चलते उसकी हालत लगातार नाजुक बनी रही। आखिरकार सोमवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक नवजात हाथी के जन्म की खबर मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई थी। लेकिन मां हथिनी का व्यवहार काफी आक्रामक था, जिससे पास जाकर किसी भी तरह की चिकित्सकीय सहायता देना संभव नहीं हो सका। लगातार हो रही बारिश और ठंडी हवा ने शावक की हालत और बिगाड़ दी।
अगली सुबह जैसे ही मादा हाथी थोड़ी देर के लिए अपने नवजात से दूर गई, वनकर्मी मौके का लाभ उठाते हुए शावक को रेंज ऑफिस लेकर पहुंचे, जहां पशु चिकित्सक द्वारा उसका निरीक्षण किया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी शिशु हाथी की मौत हो चुकी थी। वन विभाग द्वारा शावक के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया और नियमानुसार उसका अंतिम संस्कार किया गया।
पहले भी हाथी की मौत, अब बढ़ रही चिंताएं
गौरतलब है कि दो दिन पहले भी इसी क्षेत्र में एक वयस्क हाथी की मौत करंट की चपेट में आने से हो गई थी। लगातार दो दिनों में दो हाथियों की मौत ने वन विभाग की निगरानी व्यवस्था और जंगल में सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बता दे कि इस समय इलाके में 20 से अधिक हाथियों का दल विचरण कर रहा है। बावजूद इसके, विभाग द्वारा स्थायी निगरानी, सुरक्षात्मक घेराबंदी और आपात चिकित्सा सुविधा जैसी व्यवस्थाएं नाकाफी हैं। वर्षों से हाथियों की नियमित आवाजाही के बावजूद कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई, जिससे इस तरह की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं।