कोरबा/प्रथम आवाज न्यूज: कांग्रेस ने अपना न्याय पत्र की घोषणा की है, जिसमें पांच न्याय शामिल किए गए हैं। युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय शामिल हैं। इसके आने के बाद से भाजपा बौखला गई है।
उक्त बातें राज्यसभा सांसद व छत्तीसगगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलो देवी नेताम ने प्रेस क्लब तिलक भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि युवा न्याय में हर शिक्षित युवा को 1 लाख की अप्रेंटिस का अधिकार, पक्की नौकरी, 30 लाख सरकार नौकरी, पेपर लीक से मुक्ति, गिग वर्कर सुरक्षा व युवा रोशनी शामिल है। नारी न्याय में महालक्ष्मी अंतर्गत हर गरीब परिवार की महिला को हर साल में एक लाख रूपये केन्द्र सरकार की नई नौकरियों में 50 प्रतिशत महिला आरक्षण, सावित्रि बाई फुले हॉस्टल कामकाजी महिलाओं के लिए दोगुने होंगे। उन्होंने कहा कि 10 साल में मोदी राज में महंगाई बढ़ी है। डीजल, पेट्रोल से लेकर हर जरूरत के सामान में जीएसटी लगा हुआ है। भाजपा जातिवाद को सामने रखकर चुनाव लड़ रही है। इनके नेता आपस में लड़ाने की बात कह रहे हैं। 10 साल के कार्यकाल में कालाधन वापस लाने खातों में 15-15 लाख रूपये जमा करने व 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था। जिसे पूरा नहीं किया गया। पूछने पर कहते हैं यह तो चुनावी जुमला था।
कांग्रेस के पास महंगाई कम करने का क्या फार्मूला है के सवाल पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने उद्योगपति साथियों का 16 लाख करोड़ रुपए माफ कर सकती है तो क्या गरीबों के लिए कुछ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में महिलाओं का हमेशा सम्मान हुआ है। पहली महिला राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष कांग्रेस ने ही बनाए थे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पिछले चुनाव में जब छग आए तो उन्होंने कहा था कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी होगी, किसानों का कर्ज माफ और बिजली बिल हॉफ का वादा किया था। प्रदेश में भूपेश सरकार बनते ही इन वादों को निभाया गया। उन्होंने कहा कि भाजपाई कुछ भी आरोप लगाते हैं। कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों का मान बढ़ाया है। वही उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सरोज पाण्डेय को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा कि खुद पार्टी के ही नेता सरोज के पीछे पड़े हैं। उन्हें दुर्ग से लड़ाने के बजाए कोरबा भेज दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सभा सांसद होने के नाते सरोज पाण्डेय ने सदन में कभी भी कोरबा का मुद्दा नहीं उठाया।