कोरबा: “आकांक्षा हाट“ का आयोजन 01 से 07 अगस्त 2025 तक सियान सदन, घंटाघर परिसर में किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ नगर निगम आयुक्त श्री आशुतोष पाण्डेय एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा किया गया। इस हाट का उद्देश्य जिले की महिला स्व-सहायता समूहों एवं स्थानीय उत्पादकों को उनके उत्पादों के विपणन एवं प्रदर्शन हेतु मंच प्रदान करना तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सशक्त करना है। इसके अलावा आत्मनिर्भर नारी – समृद्ध समाज” की भावना को साकार करते हुए, महिलाओं के स्वावलंबन और स्थानीय उत्पादों के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर निगम आयुक्त पाण्डेय ने कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
आकांक्षा हाट के माध्यम से स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और लोगों को गुणवत्तामूलक सामग्री उपलब्ध कराने की यह बेहतरीन पहल भी है। सीईओ श्री नाग ने समूह द्वारा तैयार प्रदर्शनी का लाभ उठाने की अपील करते हुए कहा कि आकांक्षा हाट में स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों के स्टॉल जिसमें सुंदर हस्तशिल्प, पारंपरिक राखियाँ, सजावटी सामग्री, स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजन, अचार, पापड़, मसाले, पारंपरिक परिधान, बैग्स, घरेलू उपयोगी वस्तुएं, उत्कृष्ट स्थानीय उत्पादों का प्रत्यक्ष विक्रय के लिए लगाए गए हैं। कोसा सिल्क साड़ियाँ, बांस से बनी सामग्री,राखियाँ, साबुन, अचार, पापड़, घरेलू उपयोगी वस्तुएं, महामाया एफपीओ एवं पाली कोरबा फार्मर्स प्रोड्यूसर ग्रुप द्वारा उत्पादित सामग्री यहां प्रदर्शित की गई है।
आम जनता आकांक्षा हाट में स्व सहायता समूह द्वारा प्रदर्शित उत्पादों को देखने के साथ स्थानीय उत्पादों को अपनाकर और महिलाओं का हौसला बढ़ा सकते हैं। सात अगस्त तक प्रातः 11ः00 बजे से शाम 05ः00 बजे तक खुला रहने वाला यह हाट स्थानीय जनता के लिए उपलब्ध रहेगा। पहले दिन यहां बड़ी संख्या में नागरिकों ने इसमें सहभागिता दी और खरीदारी कर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया।
“आकांक्षा हाट“ ने स्थानीय स्वावलंबन और महिला सशक्तिकरण को मजबूती प्रदान करते हुए, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक प्रेरणादायक संदेश दिया। इस दौरान कौशांबी गभेल जनपद सीईओ कोरबा, इंदिरा भगत, मानशु शुक्ला, चिराग, शूभी यादव, विजय प्रताप, रिशव राज, नीलू पटेल, पल्लवी पंकज आदि उपस्थित थे।