गले में चना फंसा, 2 साल के बच्चे की अस्पताल में मौत
कोरबा: कोरबा जिले में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसे में 2 साल के बच्चे की जान चली गई। बताया जा रहा है कि बच्चे के गले में चना फंस गया था, जिसके बाद परिजन उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा समय पर इलाज नहीं किया गया और गंभीर स्थिति के बावजूद लापरवाही बरती गई, जिससे बच्चे की जान नहीं बच सकी।
जानकारी के मुताबिक यह घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र की है। छोटू कुमार (37 वर्ष) मध्य प्रदेश के राजगढ़ ब्यावरा के निवासी हैं। वे कोरबा में पानी पुरी बेचने का काम करता है। उसका भाई भी यही काम करता है। सुबह करीब 8 बजे दिव्यांश कुमार घर के आंगन में खेल रहा था। खेलते-खेलते वह कमरे में आ गया और वहां रखे चने को निगल गया। इसके बाद मासूम रोने लगा और उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जिसके बाद उसके चाचा गोलू बंसल (27 वर्ष) उसे फौरन मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गया। उसका आरोप है कि जब भी वे डॉक्टर से बच्चे की स्थिति के बारे में पूछते, तो उन्हें कहा जाता था कि बड़े डॉक्टर आकर देखेंगे। उनका कहना है कि उपचार में देरी के कारण बच्चे की मौत हो गई।
वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों के आरोपों को खारिज किया है। मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हरबंश का कहना है कि बच्चे को अस्पताल लाए जाने तक उसकी हालत बेहद गंभीर हो चुकी थी। जांच में पता चला कि चना गले से होकर फेफड़ों में फंसने से इंटरनल ब्लीडिंग (आंतरिक रक्तस्राव) शुरू हो गया था, जिससे उसकी मौत हुई। परिजनों ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की है और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं परिजनों को शव सौंप दिया गया है। वे शव को अपने गृह ग्राम ले गए हैं। बच्चे की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।