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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: 22 आबकारी अधिकारी निलंबित, आदेश जारी…

रायपुर:  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2174 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में राज्य सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग के 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन सभी पर आरोप है कि, शराब घोटाले के सिंडिकेट में यह लोग शामिल थे। इन आबकारी अफसरों ने 88 करोड़ कमाए थे। पिछले दिनों EOW ने रायपुर की विशेष अदालत में आबकारी अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की रकम 2100 करोड़ से बढ़कर 3200 करोड़ रुपए पहुंच गई है। वहीं सिंडिकेट बनाने वाले कारोबारी अनवर ढेबर को 90 करोड़ से ज्यादा मिले। अनवर ढेबर ने इन पैसों को रिश्तेदारों और सीए के नाम कई कंपनियों में इन्वेस्ट किया। EOW की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।

देखें आदेश-


बता दें कि शराब घोटाले के इस मामले में 29 आरोपियों को EOW की ओर से समन जारी किया गया था, लेकिन गिरफ़्तारी के डर से कोई भी आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए। अब अदालत इन सभी आरोपियों को 20 अगस्त तक पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है।

क्या है बी-पार्ट शराब घोटाला?
वर्ष 2019 से 2023 के बीच, राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारी और अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा बिना ड्यूटी चुकाई गई देसी शराब (B-Part शराब) की शासकीय दुकानों में समानांतर अवैध बिक्री की गई। बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर चयनित जिलों में अधिक खपत वाली देसी शराब दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ समानांतर बेचा जाता था। इस पूरे नेटवर्क में डिस्टलरी, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, सुपरवाइजर, आबकारी विभाग के जिला प्रभारी अधिकारी, मंडल व वृत्त प्रभारी, और मैन पावर एजेंसी के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। अवैध शराब को “बी-पार्ट शराब” कहा जाता था, और इससे अर्जित रकम सीधे सिंडीकेट के पास पहुंचाई जाती थी।

EOW/ACB द्वारा अब तक की गई जांच और 200 से अधिक व्यक्तियों के बयान एवं डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर अनुमान है कि लगभग 60,50,950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई है, जिसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक है। पहले इस घोटाले का अनुमान 2174 करोड़ रुपये था, लेकिन नवीनतम आंकड़ों के अनुसार घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।

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Atul Yadav (Owner Of Pratham Awaaz)

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