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कोरबा: बालको के आरोग्य परियोजना ने मातृ एवं शिशु के पोषण को बनाया उत्कृष्ट

कोरबा:  संतुलित एवं पोषण युक्त आहार बच्चे के शुरुआती वर्ष में उनके शारीरिक और सर्वांगिण विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं जो उनके स्वस्थ जीवन की नींव रखता है। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको ने अपने आरोग्य परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के महत्व को पहचानते हुए विभिन्न उल्लेखनीय कार्य किये। विभिन्न स्वास्थ्य जागरूकता पहल बच्चों के प्रारंभिक वर्षों के दौरान पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया है। बालको पोषण और स्वास्थ्य देखभाल पर आवश्यक जानकारी के साथ माताओं को सशक्त बनाने के लिए पीडी हर्थ सत्र आयोजित करता है। पहल की मदद से पिछले वित्तीय वर्ष छत्तीसगढ़ के 45 गांवों में 3500 से अधिक माताओं और 2400 कुपोषित बच्चों की स्वास्थ्य विकास आवश्यकताओं को पूरा किया है। ग्रामीण स्वास्थ्य पोस्ट और स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से आरोग्य परियोजना ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में उचित पोषण तक सभी की पहुंच सुनिश्चित किया है।

प्रोजेक्ट आरोग्य बच्चों को उनकी पोषण संबंधी स्थिति के आधार पर वर्गीकृत करने के लिए पहले स्वास्थ्य जांच करता है। गंभीर कुपोषित वाले बच्चों को विशेष उपचार के लिए तुरंत पोषण पुनर्वास केंद्र में भेजने तथा मध्यम कुपोषित बच्चों को 12 दिनों तक चलने वाले पॉजिटिव डिविएंस (पीडी) हर्थ समूह पोषण सत्र में शामिल किया जाता है। इस पहल से बच्चों एवं माता दोनों की पोषण यात्रा में सकारात्मक बदलाव हुआ है।

भदरापारा की सावित्री यादव को अपने 19 महीने के बेटे श्रेष्ठ के कुपोषण से लड़ने में आरोग्य परियोजना ने मदद की। सावित्री ने कहा कि उन 12 दिनों में मैंने अपने प्रयासों को पूरी तरह से श्रेष्ठ के स्वास्थ्य के लिए समर्पित कर दिया। श्रेष्ठ का वजन 700 ग्राम से अधिक बढ़ा जिससे उसे कुपोषण से मुक्ति मिली। विशेषज्ञों द्वारा 60 दिनों के निरंतर निगरानी एवं जांच से बच्चे को स्वास्थ्य लाभ मिला।

नेहरू नगर की सलमा अपने बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतों के लिए पैकेज फूड पर निर्भर थी। टेक होम राशन (टीएचआर) रेसिपी सत्र के माध्यम से सलमा ने पौष्टिक व्यंजनों के लाभ को अपनाया। इस परियोजना में टीएचआर खाद्य द्वारा पौष्टिक व्यंजन बनाना सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के भोजन में पत्तेदार सब्जियों को शामिल करने के नए तरीकों की सीखने में मदद मिली जिससे उनके बच्चे को महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्राप्त होने लगे। इन विभिन्न पहल से बच्चों को संपूर्ण आहार का फायदा मिला जिससे उनके बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान मिला।

नेहरू नगर की ममता फर्रे स्वस्थ पोषण प्रथाओं को बढ़ावा देने में लीडर के तौर पर उभरीं। आस-पास के गांवों में स्वयंसेवा करते हुए ममता अन्य माताओं को प्रशिक्षण सत्र प्रदान करके जागरूक कर रही हैं। उनका मिशन प्रत्येक बच्चे की भलाई सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास को बढ़ावा देना है। उन्होंने अपने बेटे कुणाल पर आरोग्य परियोजना का लाभकारी प्रभाव देखा है जो पहले गंभीर कुपोषण से जूझ रहा था। वह टीएचआर व्यंजनों, पीडी हर्थ सत्र और पोषण बाड़ी के माध्यम से अपने बच्चे की स्वास्थ्य सुधार करने में सक्रिय रूप से लगी हुई थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रोजेक्ट आरोग्य मेरे जैसी माताओं के लिए एक लाइफ लाइन की तरह है। यह मेरे बच्चे को कुपोषण से निकालकर सामान्य पोषित जीवन में ले गया। अब जब मैं अन्य माताओं की ओर अपना हाथ बढ़ाती हूं तो हम एक साथ एक स्वस्थ समुदाय का निर्माण कर रहे हैं।

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए समर्पित भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए एक महीने के पोषण माह कार्यक्रम को मनाने के लिए बालको जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग करता है। ये परिवर्तनकारी प्रयास स्वास्थ्य सुधार से आगे बढ़ते हुए उन समुदाय के भीतर सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जागरूकता का बीज बो रहा है जिनकी हम सेवा करते हैं। यह परियोजना मातृ एवं शिशु देखभाल पर केंद्रित होने के साथ एचआईवी, टीबी और नशा की लत से मुक्ति पर जागरूकता अभियान भी चलाती है। वित्तीय वर्ष 2024 में आरोग्य परियोजना से लगभग 49,000 लोग लाभान्वित हुए हैं।

आरोग्य परियोजना को माताओं और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य सुधार के लिए उल्लेखनीय प्रशंसा मिली है। 2022 में स्वास्थ्य सेवा पहल के लिए बालको को सबेरा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य पर परिवर्तनकारी प्रभाव के लिए ग्लेनमार्क न्यूट्रिशन अवार्ड्स- 2024 में फर्स्ट रनर-अप पुरस्कार तथा स्वास्थ्य प्रभाव के प्रति बालको की प्रतिबद्धता को 6वां आईसीसी इम्पैक्ट समिट एंड अवॉर्ड-2024 में मान्यता मिली जहां आरोग्य परियोजना ने ‘शिशु मृत्यु दर कम करने और मातृ स्वास्थ्य में सुधार’ की श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। बालको को कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व और सामुदायिक कल्याण के कटिबद्धता को देखते हुए प्रतिष्ठित “गवर्नर स्क्रॉलक ऑफ ऑनर” सम्मान प्राप्त हुआ। यह सभी सम्मान सामुदायिक स्वास्थ्य क्षेत्र में आरोग्य परियोजना द्वारा हासिल किये गए प्रभावशाली प्रगति और परिवर्तनकारी परिणामों को रेखांकित करते हैं।

Atul Yadav (Owner Of Pratham Awaaz)
Atul Yadav (Owner Of Pratham Awaaz)

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