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कोरबा पुलिस की बड़ी कार्यवाही: फर्जी सिम जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 8 आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे

कोरबा पुलिस की बड़ी कार्यवाही: फर्जी सिम जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 8 आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे

कोरबा/प्रथम आवाज़ न्यूज:   कोरबा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी मोबाइल सिम जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। मामले 8 आरोपी गिरफ्तार किया गया है। आरोपी फर्जी सिम को अन्य लोगों को बेचते थे जिनका उपयोग साइबर फ्रॉड में होता था। आरोपियों के कब्जे से 7 मोबाइल, 1 फिंगर स्कैनर बरामद हुआ है।

कोरबा जिला पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के निर्देशानुसार, साइबर प्रभारी रविंद्र कुमार मीणा एवं सीएसपी दर्री विमल कुमार पाठक के नेतृत्व में कटघोरा थाना प्रभारी धर्म नारायण तिवारी द्वारा कटघोरा पुलिस व साइबर सेल की संयुक्त टीम के साथ मिलकर क्षेत्र में संचालित मोबाइल सिम विक्रेताओं व एजेंटों की जांच की गई। जांच के दौरान सामने आए तथ्यों ने चौंकाने वाला खुलासा किया। कटघोरा थाना क्षेत्र के छुरी, धवईपुर, डुडगा, कटघोरा सहित अन्य स्थानों से 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 7 मोबाइल फोन, 1 फिंगर स्कैनर, 53 ब्लैंक मोबाइल सिम कार्ड जब्त किए गए हैं। आरोपी मोबाइल सिम जारी करने के लिए फिंगर स्कैनर का इस्तेमाल करते थे और धोखे से एक ही व्यक्ति के फिंगरप्रिंट को तीन-चार बार स्कैन कर कई सिम कार्ड जारी कर लेते थे। इन फर्जी सिम कार्डों को मोटी रकम में बेचा जाता था, जिससे साइबर अपराधों को अंजाम दिया जाता था। प्रारंभिक जांच में करीब 2,000 फर्जी सिम जारी कर बेचे जाने की जानकारी सामने आई है।

गिरफ्तार आरोपी– आर्यन डिक्सेना, नंद किशोर डिक्सेना, धीरेंद्र यादव, शिवम श्रीवास, नरेश यादव, प्रयाग डिक्सेना, चित्रांश अनंत, प्रदीप यादव सभी आरोपियों के विरुद्ध धारा 318,(4), 336(3), 340(2), 316(5), 3(5 )BNS एवं 66(C) आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया है। इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में कटघोरा पुलिस व साइबर सेल की टीम की सराहनीय भूमिका रही।

कोरबा पुलिस की अपील:-
अपने आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या अनधिकृत मोबाइल सिम विक्रेता को न दें। यदि कोई आपसे आधार कार्ड या बायोमेट्रिक डेटा लेकर मोबाइल सिम जारी करने की कोशिश करता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। फर्जी मोबाइल सिम का उपयोग साइबर अपराधों में किया जाता है, जिससे आम नागरिक ठगी का शिकार हो सकते हैं। सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर सेल को दें।

Atul Yadav (Owner Of Pratham Awaaz)
Atul Yadav (Owner Of Pratham Awaaz)

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