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इधर राखड़ का खेला कर हो रही अवैध कमाई, विभागीय अधिकारियों से है सांठ-गांठ

 

कोरबा/प्रथम आवाज़ न्यूज:   कोरबा जिले में वैसे तो हर तरह के अवैध कारोबार पर लगाम लगा हुआ है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी दिन रात कड़ी कार्रवाई कर कोरबा को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में लगे हुए हैं। लेकिन कोरबा में ऐसे भी कई लोग है जो बड़ी सफाई से सही काम को अवैध तरीके से कर चादर ओढ़कर मलाई खा रहे है। ऐसा ही एक व्यक्ति है नंदू पटेल उर्फ नंद झरोखा पटेल जो कि एक सीएसईबी कर्मी है। सीएसईबी प्रभावित ग्राम पंडरीपानी निवासी नंदू पटेल को भू-विस्थापित होने का लाभ मिला और सीएसईबी में नौकरी लग गई। इसके बावजूद वह भ्रष्टाचार कर अवैध कारोबार में लिप्त है।

 

दरअसल गोढ़ी स्थित राखड़ बांध को अपनी अवैध कमाई का अड्डा बनाकर नंदू पटेल लगातार काली कमाई कर रहा है जिसमें सरकारी राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है। नंदू पटेल बड़ी सफाई से अवैध कार्य को अंजाम देने में लगा हुआ है जिसमें उसके साथ सीएसईबी के अधिकारी और हेम्स नामक एक कंपनी भी शामिल है। वास्तव में हेम्स कंपनी को ही गोढ़ी राखड़बांध से राख निकालने का ठेका मिला है लेकिन नंदू पटेल पेटी में काम लेकर इस काम को कर रहा है।

नंदू पटेल का गोढ़ी में ही कार्यालय है। नंदू अपनी पत्नी के नाम से फर्म बनाकर गोढ़ी राखड़ बांध का कर्ता धर्ता बन बैठा है। पांच वाहनों के माध्यम से उसके द्वारा बांध से राख निकालकर एनएएचआई के बन रहे सड़कों पर डालता है। अब इसमें शुरु होता है असली खेल। कार्यालय से पर्ची कटती है लेकिन राख बांध से निकलती नहीं और एनएएचआई के कुछ कर्मियों को एक पर्ची के बदले पांच सौ रुपए देकर पर्ची पर राख डंप करने का हस्ताक्षर करा लिया जाता है। हिंग लगे ना फिटकरी और रंग भी चढ़े चोखा के तर्ज पर पूरा काम हो रहा है और किसी को कानो कान खबर भी नहीं हो रही है। सारे नियमों को ताक पर रखकर नंदू पटेल अवैध कारनामों को अंजाम दे रहा है लेकिन उसके कार्य पर किसी कर नजर नहीं पड़ रही है।

कहा जाए तो नंदू पटेल स्थानीय निवासी होने का पूरा फायदा उठाता आ रहा है। गोढ़ी राखड़ बांध पर खुद को स्वामित्व समझता है और वहां किसी को काम नहीं करने देता। बांध में कुछ भी काम हो वह नंदू पटेल को ही मिलता है उसकी विभागीय अधिकारियों के साथ मिलीभगत है जिससे उसे संरक्षण मिल रहा है। जिस वजह से उसके खिलाफ कार्यवाही की किसी तरह की आंच नहीं आ रही।

Atul Yadav (Owner Of Pratham Awaaz)
Atul Yadav (Owner Of Pratham Awaaz)

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