कोरबा/प्रथम आवाज न्यूज: जिले के ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा से बनाए गए अमृत सरोवर स्थलों में 05 जून को ग्रामीणों, हितग्राहियों, जनप्रतिनिधियों द्वारा पौधरोपण करके विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इसके साथ ही ग्रामीणों की सामूहिक भागीदारी से जल निकायों की साफ-सफाई कर स्वच्छता अभियान चलाया गया।
ग्राम पंचायतों में आयोजित इस विशेष उत्सव में जल संरक्षण एवं जैव विविधता के महत्व की जानकारी ग्रामीणों को देकर जागरूकता अभियान चलाया गया। जल संरक्षण एवं जैव विविधता के विषय में ग्रामीणों ने सामूहिक शपथ लेकर गांव में रैली निकाली तथा जल संरक्षण एवं पर्यावरण प्रबंधन का संदेश दिया। इसके साथ ही ग्रामीणों एवं मनरेगा हितग्राहियों को जल निकायों, तालाब, कुंआ, डबरी, नदी-नाले आदि के कायाकल्प एवं जीर्णोद्धार के सकारात्मक प्रभावों को भी बताया गया।
भारत सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए अमृत सरोवर स्थलों को स्थायी प्रतीक के रूप में आदर्श संरचना मानते हुए 05 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष उत्सव मनाने हेतु निर्देशित किया गया है, जिसके परिपालन में आज ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर स्थलों पर विश्व पर्यावरण दिवस उत्सव मनाया गया। पर्यावरण दिवस मनाने के लिए ग्रामीणों के बीच परंपरागत माध्यम से प्रचार प्रसार किया गया। ग्रामीणों एवं हितग्राहियों ने उत्सव में उत्साह पूर्वक सामूहिक भागीदारी करते हुए पौधरोपण, सफाई एवं जागरूकता अभियान में भाग लिया।
ग्राम पंचायत बुंदेली, पीड़िया, लबेद, हरदेवा, रंजना, देवरी, बतारी, गोढ़ी, राल, पोटापानी, महोरा, तानाखार, मोहनपुर आदि ग्राम पंचायतों के अमृत सरोवर स्थलों में बड़े स्तर पर पौधरोपण किया गया। ग्रामीणों की सामूहिक भागीदारी से अमृत सरोवरों की साफ-सफाई करके स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसके साथ ही अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों एवं हितग्राहियों को जल संरक्षण एवं जैव विविधता के महत्व की जानकारी दी गई। पर्यावरण दिवस उत्सव में जनपद पंचायत सीईओ, सरपंच, उपसरपंच, कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा, तकनीकी सहायक, ग्राम सचिव, रोजगार सहायक सहित ग्रामीण हितग्राही स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
ग्रामों में मनाया जाएगा स्वच्छ हरित ग्राम सप्ताह –
गांवों में पर्यावरण सरंक्षण एवं पर्यावरण प्रबंधन को बढाने के लिए महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत 05 जून से 12 जून 2024 तक स्वच्छ हरित ग्राम सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान भू-जल को रिचार्ज करने एवं जल भराव को लंबे अवधि तक रोकने के लिए सोक पिट का निर्माण करने प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा वर्मी कम्पोस्ट, नाडेप पिट से जैविक कचरे को पोषक तत्व के रूप में जैविक खाद बनाने, कचरे से कम्पोस्ट खाद, अपशिष्ट पदार्थों का पुनः उपयोग एवं गैर-बायोडिग्रेडबेल कचरे का रिसायकलिंग के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।